सुनो कन्हैया जहाँ से तेरा मन करे,
मेरी जिन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे,
कोईं भी खोलो हर पन्ने पर
तेरा नाम होगा मेरे कान्हा।।
जमाने से नहीं हम तन्हाई से डरते हैं।
प्यार से नहीं हम रुस्वाई से डरते हैं।
दिल में उमंग हैं तुम्हे मिलने की
पर मिलने के बाद आने वाली जुदाई से डरते हैं।।
राधा ने श्री कृष्णा से पूछा, प्यार का असली मतलब क्या होता हैं,
श्री कृष्णा ने हँस कर कहा, जहाँ मतलब होता हैं वहां प्यार ही कहाँ होता हैं।
कृष्ण ने राधा से पूछा ऐसी एक जगह बताओ, जहाँ में नहीं हूँ,
राधा ने मुस्कुरा के कहा, बस मेरे नसीब में।
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से क्या मतलब
कोई दिल से हो मेरा, तो एक कृष्ण ही काफ़ी हैं।
कृष्णा के कदमो पे कदम बढाते चलो, अब मुरली नही तो सीटी बजाते चलो
राधा तो घर वाले दिलाएंगे ही, मगर तब तक गोपियाँ पटाते चलो।
Nice Post